रक्षा बंधन : प्रभा तिवारी

रक्षा बंधन : प्रभा तिवारी

लो रक्षा बंधन फिर आया,
भारत के हर भाई बहिन के 
उर आनंद समाया.
लो रक्षा बंधन फिर आया.

यह त्यौहार बहिन भाई का,
सुन्दर राखी और मिठाई का.
ढेरों खुशियाँ संग में लाया,
लो रक्षा बंधन फिर आया.

नये नये कपड़े पहनेंगे,
गहने भी कुछ नये मिलेंगे.
इसी लिये तो सबको भाया,
लो रक्षा बंधन फिर आया.

भैया दीदी घर जायेंगे,
अपने घर लेकर आयेंगे.
इसने सब का मिलन कराया,
लो रक्षा बंधन फिर आया.

सब मिल कर नाचें गायेंगे,
यह सुख साल बाद पायेंगे.
हंसते गाते सबने मनाया,
लो रक्षा बंधन फिर आया.

यह प्रति वर्ष सदा ही आये,
हम सब हिल मिल इसे मनायें.
प्रभु से सब ने ये ही माँगा,
सादर शीश नवाया,
लो रक्षा बंधन फिर आया.

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